मुझे क्या pahnana है इसका फैसला क्या तुम करोगे? शरीर मेरा है इसे कैसे रखना है क्या ये तुम तय करोगे? घर को जल्द आ जाया करूंगी क्या तुम मुझे पराया धन समझना बंद करोगे? दिमाग कम है मुझमे चलो मान लेती हू? कम से कम तुम्हारी तरह नजर गंदी नहीं हमारी कम से तुम्हें हवस का शिकार नहीं बनाती हू क्यों रोकते हो हमे, क्यों बराबरी करने पर फटती है तुम्हारी. #girls #girlie #womeniya #poetry