ये बारिश और वो दिन याद है आज भी मुझे चाबी तुम्हारे स्कुटी की जब दियी थी तुमने हाथों में मेरे पहली बार चला रहा था मैं स्कुटी तुम्हारी पिछली सीट पर बैठी थी तुम साथ मेरे बारिश में हम दोनों भीग चुके थे जकड़ा जब बाहों में तुमने थंड का एहसास ही नहीं हुआ मुझे वो दो मिनट का सफर ना आएगा अब लौट के शायद वो ही थी तेरी-मेरी मुलाकात आखरी । #आखरी_मुलाकात #बारिश_और_तुम #yqbaba #yqhindi #quotesofnikesh