ज़िंदगी भर रहती है, ना जाने कितनी आजमाइश टूट - टूट कर ही निखरती समझने की समझाइश मिले जो चाहो तो सब सुहाना, ना हो तो दिल टूटे दिल की एक पूरी होते ही आती है दूसरी ख़्वाहिश 🌝प्रतियोगिता-62 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"सतरंगी ख़्वाहिशें"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I