मानो तो कह दूँ एहसास मेरा वो थोड़ी देर का साथ तेरा जैसे जेठ की तपती दोपहरी में शीतल जल सी मिली हो छाया जैसे बीच सहरा में मिल जाए प्यासे को मृगजल की माया जैसे डूबने वाले को मिल जाए कोई तिनके का सहारा जैसे दिनभर की थकान को हासिल हो जाए अदरक वाली का प्याला जैसे अनमीट तलब को मिल जाए मीठे झरने की बहती धारा जैसे स्याह रात में चमक उठे उम्मीद का कोई इक सितारा मानो तो कह दूँ एहसास मेरा वो थोड़ी देर का साथ तेरा ©दीप्ति...✍️ ©Dips Writeups #dipswriteups #notjustwords #Ďìþţî #BěěţêĹãmhęîñ #friends