हमने सब कुछ जानते हुए भी खुद को एक पिंजरे में कैद कर रखा है, ख़ुद से ख़ुद का द्वंद करने में लगे हुए हैं बाकी सब कुछ भुला रखा है। दिल चाहता है जिंदगी एक पल में ही बीत जाए पर ये भी बीतती नहीं, चाहत क्या है मेरे इस कमबख्त दिल की यह मैं खुद भी तो समझती नहीं। जो बीत गया उसे छोड़ कर आगे बढ़ जाना चाहिए यह जानता है दिल, फिर भी ना जाने क्यों बीते लम्हों को ही याद करके रोता रहता है दिल। 🌹नमस्ते लेखकों🙏🏼 🌸कोलैब करने से पहले 📌पिन पोस्ट अवश्य पढ़ लें। 🌸 आप सभी दिए गए विषय पर 6 - 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूरी करें। 🌸पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।