जब भी तुम्हे सोचती हूँ।। हर बार कुछ लिखती हूँ।। सोते जागते एक तुम्हे ही तो देखती हूँ।। अपने जस्बात को अल्फाज़ो के धागे में पिरोती हूँ। कुछ ऐसे तुम्हे महसूस करके तुम्हे ही लिखती हूँ।। और हर बार वो कहती हूँ ।। जो कहने से डरती हूँ।। #heartrate....#dil #dhadkan#man ki baat.. #dar jaati hoo tumhay bata nhi paati hoo