आज आम आशनाई मे आवारा होना, माज ए जाम थनासाई मे गवारा होना। नाज नाम नियत सब गुस्ताख़ाना अब काज काम ख़ुदसिताई मे पँवारा होना । औलाद आज भी आँखों के तारे है पर आम नहीं उनका बुज़ुर्गी में सहारा होना। ©RAVINANDAN Tiwari #चूँ_चूँ_का_मुरब्बा