बिन देखे मैं तुझसे प्यार कर बेठा, बस यही गुनाह मैं एक बार कर बेठा मिलना तो तुझसे मुकदर को मंजूर न था ये सब जानते हुए मैं मोहब्बत तुझसे बेसुमार कर बेठा अगर मंजूर हुआ मुकदर को तो फूल फिर खिलेंगे बिछड़े हुए दो दिल फिर मिलेंगे अगर मिल न पाये इस जनम में तो काया हुआ ये आशिक़ है फिर मिलेंगे किसी और जानम में ! #NojotoQuote Love you surekha