मैं चढ़ाना चाहती हूं , खुद पे आवरण हो जाना चाहती हूं निष्ठुर रहना चाहती हूं सबसे अलग ताकि जब तुम मुझे छोड़ सको, बिन किसी बात के,तो रहूं मैं तैयार न पहुंचे मुझ तक कोई तुम्हारी बात न आहत हूं ,न लगाऊं कोई उम्मीद कर दूं त्याग , छोड़ पाऊं ये झूठा मोह.. #यूहीं #मोह #योरकोटजिंदगी #तूलिका