हमें भी उस नाजनीन के साथ झूलने का शौक चढ़ गया है बातचीत से तो महरूम है दिल फिर भी अपनी जिद पर अड़ गया है बारिश की फुहारों उसे नहाता क्या देख लिया प्यार मोहब्बत से समझाते हैं दिल बडा़ जिद्दी है कमबख्त उसके खातिर हमसे ही लड़ गया है नाजनीन-सुंदरी आयुष कुमार गौतम हमें भी उस नाजनीन...........