सूत्र है.... कर्म की ऊर्जा भक्ति की सरसता, ज्ञान की सात्विक स्थिरता... अब जानते हैं ज्ञान ही क्या? कर्म करते करते जो ज्ञान प्राप्त होता है वही सच्चा ज्ञान है, क्योंकि ये ज्ञान क्रिया स्वरूप है, क्रिया की कसौटी पर खरा उतरा है। घूम फिर कर बात वहीं आ जाती है कि कर्म ही जीवन का प्रमुख आधार है कर्म करते समय क्या मनोदशा हो ये ही कर्म भक्ति है...इसी से ऊर्जा और सहजता और सरसता मिलती है।