अपनों के लिए सब कुछ सह जाती हूं बिना कुछ कहे चुप हो जाती हो हूं दुत्कार हूं तिरस्कार हूं सुलगती हुई अंगार हूं और अपने पर में आ गई तो संघार करना भी जानती हूं ©Manju Tomar #adishakti ##October crater ##31 october ##Manju Tomar