सुनो, प्रेम!— % & सुनो, प्रेम! ✍🏼 एक काम करो सारी चिंताएं, परेशानियां, मुश्किलें, दुविधाएं अभी इसी पल में रहने दो, छोड़ जाओ अपनी नई-पुरानी सारी हदें, भूल जाओ सब कुछ जो नहीं है.... बस याद रखो जो है, और देखो जो आ रहा है सामने से। बाहें पसार के आवाहन करो अपनी खुशियों का, आलिंगन करो... प्रेम, अपने प्रेम का। सारी बेतरतीबी, तरकीबें, दुनियादारी, तौर-तरीकें एक तरफ... प्रेम, सिर्फ अपनी नजर से एक बार आगे देखो! छोटी-छोटी सी खुशियां, भीनी-भीनी सी अधरों पे सजी मुस्कान, महफूज इरादों वाली अनगिनत छोटी-छोटी कहानियां जिनमें से आ