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"आदमी के सब्र का इंतेहान हो जैसे, रब का इंसानियत स

"आदमी के सब्र का इंतेहान हो जैसे,
रब का इंसानियत से इंतकाम हो जैसे!
मिले फुरसत के पल तो मिले हैं कुछ ऐसे,
दर्द-दवा और ज़हर का इंतजाम हो जैसे!!"
- Anill Gautam Imtehaan Ho Jaise...!
"आदमी के सब्र का इंतेहान हो जैसे,
रब का इंसानियत से इंतकाम हो जैसे!
मिले फुरसत के पल तो मिले हैं कुछ ऐसे,
दर्द-दवा और ज़हर का इंतजाम हो जैसे!!"
- Anill Gautam Imtehaan Ho Jaise...!
anillgautam6860

Anill Gautam

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