भोजपुरी मनकबत छोड़के तुमका न जाईब शकूर पिया। रुठ ब जब जब मनाईब शकूर पिया। चाहे जेतना भी हो उह टेढ़ डगरिया। तुम्हरे संग संग जाईब शकूर पिया।। सुरकांही से जब तू चुनरी मंगइब। मन ही मन मुस्काईब शकूर पिया। चैन न आवे दिल के आठो पहरिया। दिल में तोहके समाईब शकूर पिया। दिन भर काम से थकी जब बदनवा। पइयाँ तुम्हरा दबाईब शकूर पिया।। तोहरी सूरतिया के हम देखत देखत। तोहरे में खुद रंग जाईब शकूर पिया। दिन-रात "सानी"अब याद में रहिला। भूल कैसे तोहे पाईब शकूर पिया।। (Md Shaukat Ali "Saani") #Waterfall&Stars #मनकबत #नोजोटोन्यूज़ #Spirituality