बचपन का पहला प्यार वो पढाती थी मुझे उसके आते हू मेरे नजरो से सब जाते थे हट वो थी मेरी स्कूल की आर्टस् मिस, रिता भट वो पेहेनती जब जब सारी लगता जैसे धर्तीवर पे उत्तरी हो परी उसकी आँखो मे रेहती एक अजीब चमक छुपा लिये हो जैसे अपने आँखो मे धनक फिर एक दिन वो स्कुल से चली गयी उसके गंदे पती ने स्कुल थी छुडवाई बुरी तरह से गया मै तूट तभी पता चला मोहब्बत इष्क सब है झूट उसके गम मे पुरा एक दिन रोया दुसरे दिन क्लास की सारी लाडकीतो को दिल दे दिया