अपने दिल को बहलाने चले थे हम भी किसी को चाहने लगे थे अक्सर शांत से रहने वाले उन्हें देखकर गीत प्यार के गाने लगे थे ज़ुबान से कहने में डर लगता था इसलिए चिट्ठियां उनके पते पर पहुंचाने लगे थे हौंसला कहीं टूट ना जाये इसलिए दोस्त भी हाथ बंटाने लगे थे पर उस बेवफा ने पल भर में तोड़ दिया दिल मेरा जिसको पाने में समक्ष को ज़माने लगे थे - #NojotoQuote Apne Dil Ko Behlane Chale Theey -Poem By Samaksh Chhabra #dil #shayari # Samaksh Chhabra