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आज न जाने कितनों का दिल तोड़ दिया मैंने उनके साथ सा

आज न जाने कितनों का दिल तोड़ दिया मैंने
उनके साथ साथ खुदको भी बिखेर दिया मैंने
कभी खुदके लिए तो कभी किसी और के लिए
झुठ भी बोला और सताया भी मैंने
उनसे तो माफ़ी माँग ली, उन्होंने माफ़ भी कर दिया
फिर खुदको मनाई, तो खुदको उदास पाया मैंने
आँखों में देखी तो वो नज़रें चुरा रही थी
गौर से देखी तो वो अपनी आँखों की लाली 
छिपा रही थी
उसको बिठाई अपने करीब, सिर रखी उसके गोद में
रोई बेसुमार दिल खोलके और उसे गले लगाया मैंने
उसने कहा मत रो मेरी जान, 
मेरे आँखों की लाली तेरी सच्चाई बयाँ करती है
तु टुटी नहीं ये कहते उसे सुना मैंने
वो करीब आयी मेरी आँसू पोछि
फिर उसे मुस्कुराते देखा मैंने।। आज न जाने कितनों का दिल तोड़ दिया मैंने
उनके साथ साथ खुदको भी बिखेर दिया मैंने
कभी खुदके लिए तो कभी किसी और के लिए
झुठ भी बोला और सताया भी मैंने
उनसे तो माफ़ी माँग ली, उन्होंने माफ़ भी कर दिया
फिर खुदको मनाई, तो खुदको उदास पाया मैंने
आँखों में देखी तो वो नज़रें चुरा रही थी
गौर से देखी तो वो अपनी आँखों की लाली
आज न जाने कितनों का दिल तोड़ दिया मैंने
उनके साथ साथ खुदको भी बिखेर दिया मैंने
कभी खुदके लिए तो कभी किसी और के लिए
झुठ भी बोला और सताया भी मैंने
उनसे तो माफ़ी माँग ली, उन्होंने माफ़ भी कर दिया
फिर खुदको मनाई, तो खुदको उदास पाया मैंने
आँखों में देखी तो वो नज़रें चुरा रही थी
गौर से देखी तो वो अपनी आँखों की लाली 
छिपा रही थी
उसको बिठाई अपने करीब, सिर रखी उसके गोद में
रोई बेसुमार दिल खोलके और उसे गले लगाया मैंने
उसने कहा मत रो मेरी जान, 
मेरे आँखों की लाली तेरी सच्चाई बयाँ करती है
तु टुटी नहीं ये कहते उसे सुना मैंने
वो करीब आयी मेरी आँसू पोछि
फिर उसे मुस्कुराते देखा मैंने।। आज न जाने कितनों का दिल तोड़ दिया मैंने
उनके साथ साथ खुदको भी बिखेर दिया मैंने
कभी खुदके लिए तो कभी किसी और के लिए
झुठ भी बोला और सताया भी मैंने
उनसे तो माफ़ी माँग ली, उन्होंने माफ़ भी कर दिया
फिर खुदको मनाई, तो खुदको उदास पाया मैंने
आँखों में देखी तो वो नज़रें चुरा रही थी
गौर से देखी तो वो अपनी आँखों की लाली
anonymous4389

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