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इंदिरा के १९७१ के जज़्बे को देख विपक्षी होकर भी अटल

इंदिरा के १९७१ के जज़्बे को देख विपक्षी होकर भी अटल जी उन्हें दुर्गातुल्य कहने से नहीं हिचके किन्तु आज उन्हीं इंदिरा के पौत्र मोदी से सेना की हर कार्यवाही का प्रमाण माँगते फ़िर रहे हैं । धिक्कार ऐसे विपक्ष को जो कुर्सी की खातिर अपनी ही सेना पर शंका जता रहा है ।

इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी ?
इससे बड़ा और आपातकाल क्या होगा ?

जो लोग आज प्रधानमंत्री पर एयर स्ट्राइक का श्रेय लेने का आरोप लगा रहे हैं उन्हें जान लेना चाहिये की इकहत्तर की लड़ाई में भी मैदान ए जंग में इंदिरा खुद दुश्मन से लोहा लेने नहीं उतरी थीं अपितु तब भी भारतीय सेना ने ही जीत का सेहरा भारत के सर बाँधा था । यदि उस जीत पर तत्कालीन प्रधानमंत्री को दुर्गा कहे जाने पर कांग्रेस तथा कांग्रेस भक्तो को कोई आपत्ति नहीं थी तो आज सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक की सफलता पर वर्तमान प्रधानमंत्री को शेर ए वतन कहने पर इतना बवाल क्यूँ ?

ये भक्ति नहीं बस सवाल है ....
इतने दोगले क्यूँ हो भाई ?

©के मीनू तोष (६ मार्च २०१९) #NojotoQuote
इंदिरा के १९७१ के जज़्बे को देख विपक्षी होकर भी अटल जी उन्हें दुर्गातुल्य कहने से नहीं हिचके किन्तु आज उन्हीं इंदिरा के पौत्र मोदी से सेना की हर कार्यवाही का प्रमाण माँगते फ़िर रहे हैं । धिक्कार ऐसे विपक्ष को जो कुर्सी की खातिर अपनी ही सेना पर शंका जता रहा है ।

इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी ?
इससे बड़ा और आपातकाल क्या होगा ?

जो लोग आज प्रधानमंत्री पर एयर स्ट्राइक का श्रेय लेने का आरोप लगा रहे हैं उन्हें जान लेना चाहिये की इकहत्तर की लड़ाई में भी मैदान ए जंग में इंदिरा खुद दुश्मन से लोहा लेने नहीं उतरी थीं अपितु तब भी भारतीय सेना ने ही जीत का सेहरा भारत के सर बाँधा था । यदि उस जीत पर तत्कालीन प्रधानमंत्री को दुर्गा कहे जाने पर कांग्रेस तथा कांग्रेस भक्तो को कोई आपत्ति नहीं थी तो आज सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक की सफलता पर वर्तमान प्रधानमंत्री को शेर ए वतन कहने पर इतना बवाल क्यूँ ?

ये भक्ति नहीं बस सवाल है ....
इतने दोगले क्यूँ हो भाई ?

©के मीनू तोष (६ मार्च २०१९) #NojotoQuote