अक्सर बहक सा जाता हूँ..... जब भी तुम बहकाती हो... क्या ये सारी मेरी ही ऐब हैं..... या इस जहाँ से तुम लाती हो... #गजानन्द_शर्मा #निर्बाध #बहकता #गजानन्द_शर्मा #निर्बाध