वो बादल के घनेरों के नीचे जो कुछ दिख रहा है। वो जमीं से ठीक ऊपर जो कुछ दिख रहा है, वो ढलती शाम में कुछ टिमटिमाते जो नजर आ रहा है। क्या वो तारे हैं क्या ? लगता तो नहीं वैसे । शायद बिजली ने गुस्ताखी की है! जो यूं भ्रमित कर रहा है। #haldia's evening #industry side #visualisation