रुकना नहीं था मुझको आवाज़ थी किसकी , के मंज़िल का रस्ता भी अब भूल गया हूँ मैं اا कुछ भटक गया हूँ कुछ ख़ाहिश भी मर गई है, यूं के बस सारे ग़मों के मौसम क़ुबूल गया हूँ मैं اا इशारा था मगर, रुकना नहीं था मुझको... #रुकनानहींथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqtales #yqaestheticthoughts #yqlove