मेरी किस्मत कांच की वो खिड़की है जो बनते बनते अपने ही कारीगर के हाथों टूट गई किसी तरह जुड़ तो गई वापस लेकिन एक दर्द और तड़प की दरार हमेशा के छोड़ गई #कांच #कारीगर #टूट #किस्मत