कभी दिल को जो कुछ याद आती है, जज़्बात पर कुछ दर्द गर ताज़ा सा लगता है। तो खुद को खुद से यूं रूबरू कराती हूं, कुछ अल्फाज को बुनती हूं,उसे अलग एक रूप देती हूं। कभी जो यादों के दल दल में फसने लगती हूं, तो एक कलम उठाती हूं और लफ्ज़ खुद सज़ने लगते हैं। फिर उन लफ्ज़ को ही अपना मरहम समझती हूं, और इस तरह अपने जख्मों को मै रोज़ भरती हूं।। यूं ही कुछ भी😄✍✍ #yqdidi #अल्फ़ाज़ #लफ्ज़ #हालत #अनवरत #jhapost #नवरूप