तेरे बिना, तेरे बिना, तेरे बिना तेरे... तेरे बिना दिन कैसे गुज़ारे जाएंगे, इश्क़ के अबीर कैसे उतारे जाएंगे اا मिरे आंसू थमते नहीं याद में तेरी, ज़ुल्म तेरे सदियों तलक पुकारे जाएंगे اا इश्क़ के अबीर कैसे उतारे जाएंगे اا तेरे बिना, तेरे बिना, तेरे बिना तेरे... तू झरने जैसी उठी हुई, मैं झील सा नीला गहरा हूँ اا तू बहती चली हवाओं सी, मैं वक़्त रोक के ठहरा हूंँ اا मैं वक़्त रोक के ठहरा हूंँ اا चाँद बिना बोलो कहाँ सितारे जाएंगे, नज़रों को मिलने क्या नज़ारे आएंगे اا हां इश्क़ के अबीर कैसे उतारे जाएंगे اا तेरे बिना दिन कैसे गुज़ारे जाएंगे, इश्क़ के अबीर कैसे उतारे जाएंगे اا अबीर - रंग #yqsongs #yqtales #yqaestheticthoughts #yqlove #yqquotes #yqdidi #yqdiary