तमाम दायरे आँख की ख़ामी से निकले... आशिक़ वही है जो बदनामी से निकले..। उनकी जुल्फ़ों के ख़म कुछ इस तरह सहमे... ये देखने समंदर सुनामी से निकले..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 दायरे