नाम भले ही गांव का लिया हो लेकिन हर शहर हर गांव के हर अनुभवी माता पिता, उनके कमाने और जमाना जानने वाली मॉडर्न जमाने के भाईयो ने खाया बच्चियों का भविष्य।
हर बच्ची नहीं होगी होनहार जैसे आपका हर बेटा प्रधानमंत्री और कलेक्टर नहीं है फिर भी वे उनको आत्म निर्भर बनाने के लिए जी- जान लगा देते हो, घर बाहर में थोड़ी इज्जत मिलने से आत्मविश्वास भी आ जाता है उनमें, अगर बेटियां गलत रास्ते पर निकल जाती है तो वो भी आपकी गलती है कि उसे सही गलत में फर्क करना नहीं सीखा पाते।
होनहार क्या और कमजोर क्या, एक ही तराज #Shayari