तेरे साथ जो सपने हम बुनने लगे हैं, मानो पंख मिले और हम उड़ने लगे हैं, पानी में छिपा रहता है मोती जैसे, हम भी कुछ यूँ ही तुमसे जुड़ने लगे हैं क्या हाल बताये हम तुमको दिल का, भटक रहे ऐसे जैसे तलाश मंजिल का, ख्वाब अब हर बार तुमसे मिलने लगे हैं, मुर्छित फूल हो जैसे फिर से खिलने लगे हैं। तू भिगाती बारिश का जलद हो जैसे, कभी ना बदले रंग मीठी शहद हो ऐसे, तेरी मिठास में हम भी जरा घुलने लगे हैं, जैसे तपन हो आग-सी बर्फ-से पिघलने लगे हैं। हर रोज ही लिखते पिरोते तुमको शब्दों में, जैसे शूल हो हर ओर फूल बिछाते कदमों में, हर बार नए नगमें हम तेरे लिए चुनने लगे हैं, मानो पर लगे “अक्ष” और हम उड़ने लगे हैं।। ✍️ अमित पाण्डेय “अक्ष”. ©Amit Pandey Aksh #lovequote #lovefeelings #loveforever_deepfeelings #lovepoem #heartbeat #hearttouching #sweetdreams #feelingsoflove #OneSeason