हां नारी हो तुम तुम ही दुर्गा काली हो तुम हाँ नारी हो तुम तुम्हारी समझ न कोई समझ पाए परख कर भी तुम्हें कोई न परख पाए हर घर की लक्ष्मी हो घर-घर की एक सुंदर कहानी हो तुम हाँ नारी हो तुम लिखना चाहूं लेख तुमपे तो शायद कलम की स्याही पर जाय कम सोचता हूँ कैसे उठा लेती हो इतना बोझ हरदम दर्द हर झेल लेती हो मुस्कुरा के तुम इस जमाने से बराबरी तुम्हारी ले नहीं सकता कोई भी किसी भी बहाने से रहोगी सबसे ऊपर सदा सबसे सुहानी सबसे प्यारी हो तुम क्योंकि नारी हो तुम ©सिंह #सिंह #womensday2021