मेरे ख़्वाब, तू कागज़ है या काँच.. जो तुझे मैं छूना चाहूँ , तू छूते ही बिखर जाये, फिर तेरी किरांचे देती हैं गहरे घाव, मेरे ख़्वाब, तू कागज़ है या काँच.. जो मैं तुझको रंगना चाहूँ, तू कोरा ही रह जाये.. मेरे आँसुओं में गलकर तेरा कतरा कतरा बह जाए मेरे ख़्वाब, तू कागज़ है या काँच.. यही दिन रात मैं सोचूँ तुझे छूकर कभी देखूँ ओ मेरे ख़्वाब। अपने ख़्वाब के बारे में लिखें। #छूकरदेखूँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine