Nojoto: Largest Storytelling Platform

घर की जरूरतों ने घर-बार मुझसे छीन लिया, एक बार नह

घर की जरूरतों ने घर-बार मुझसे छीन लिया,

एक बार नही बार-बार मुझसे छीन लिया,

यूँ तो ओर भी हैं दिन ज़िन्दगी के कलैंडर में,

सुकूँ भरा वो इतवार मुझसे छीन लिया 
।।

©Chauhan Chirag
  #इतवार_की_इल्तज़ा