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शर्मा जी और दुकानदार------ जब से नोटबंदी हुई थी शर

शर्मा जी और दुकानदार------
जब से नोटबंदी हुई थी शर्मा जी परेशान थे,कुछ सामान तो वो कार्ड से खरीद लेते,पर कुछ के लिए केवल कैश की ही जरुरत पड़ती,
तब फिर क्या था,किसी तरह ऑफिस से समय निकाल के पहुँच गए अपने बैंक में 2-3 घंटे लाइन में लगने के बाद उनका नंबर आया तो पता चला ₹4000 ही मिलेंगे वो भी  2000 के नोट, शर्मा जी सोचे ,अब इतनी मेहनत की है तो ले लेते है,चला देंगे कही न कही.
अगला दिन रविवार था,यानी होम वर्क का दिवस(😀😀😀😀😀).
श्रीमती जी ने सामानों की लिस्ट थमायी और बोली,"जाइये ये सामान लेते आईये"
शर्मा जी पहुंच गए दुकानदार के पास,सारा सामान लेने के बाद,
शर्मा जी दुकानदार से-- कितना हुआ भाई
दुकानदार- जी ₹475 केवल
शर्मा जी-- ये लो (2000 का नोट देते हुए)
दुकानदार-- न भइया न ई न चली यहाँ
शर्मा जी-- काहें हो
दुकानदार ---- अरे आजकल काला पैसा बहुत पकड़ावत हो 2000 के नोट के
शर्मा जी --- तो क्या हम चोर नजर आ रहे शक्ल से
दुकानदार--- हाँ हो शक्ल देख के ही तो कह रहे(😀😀😀😀😀)
(शर्मा जी थोड़ा गुस्साते हुए)
और क्या नजर आ रहा वो भी बता दो,
दुकानदार---- यही की आप चोर के अलावा एक नंबर के आलसी और जोरू के गुलाम है........
अब क्या था शर्मा जी ने आव् देखा न ताव धड़ दिए 4 तमाचा उसके गाल पे...........फिर........फिर.......
अरे फिर क्या होना था ,दुकानदार ने भी दे दिया एक जोरदार मुक्का आँख के नीचे,शर्मा जी को तारे नजर आ गए दिन में भी(😃😃😃😃😃).........
और एक बात भी समझ में आ गयी........मारपीट सामने वाले को देख कर करनी चाहिए............😉😉😉😉😉

©Saurabh Verma #myshortstory
शर्मा जी और दुकानदार------
जब से नोटबंदी हुई थी शर्मा जी परेशान थे,कुछ सामान तो वो कार्ड से खरीद लेते,पर कुछ के लिए केवल कैश की ही जरुरत पड़ती,
तब फिर क्या था,किसी तरह ऑफिस से समय निकाल के पहुँच गए अपने बैंक में 2-3 घंटे लाइन में लगने के बाद उनका नंबर आया तो पता चला ₹4000 ही मिलेंगे वो भी  2000 के नोट, शर्मा जी सोचे ,अब इतनी मेहनत की है तो ले लेते है,चला देंगे कही न कही.
अगला दिन रविवार था,यानी होम वर्क का दिवस(😀😀😀😀😀).
श्रीमती जी ने सामानों की लिस्ट थमायी और बोली,"जाइये ये सामान लेते आईये"
शर्मा जी पहुंच गए दुकानदार के पास,सारा सामान लेने के बाद,
शर्मा जी दुकानदार से-- कितना हुआ भाई
दुकानदार- जी ₹475 केवल
शर्मा जी-- ये लो (2000 का नोट देते हुए)
दुकानदार-- न भइया न ई न चली यहाँ
शर्मा जी-- काहें हो
दुकानदार ---- अरे आजकल काला पैसा बहुत पकड़ावत हो 2000 के नोट के
शर्मा जी --- तो क्या हम चोर नजर आ रहे शक्ल से
दुकानदार--- हाँ हो शक्ल देख के ही तो कह रहे(😀😀😀😀😀)
(शर्मा जी थोड़ा गुस्साते हुए)
और क्या नजर आ रहा वो भी बता दो,
दुकानदार---- यही की आप चोर के अलावा एक नंबर के आलसी और जोरू के गुलाम है........
अब क्या था शर्मा जी ने आव् देखा न ताव धड़ दिए 4 तमाचा उसके गाल पे...........फिर........फिर.......
अरे फिर क्या होना था ,दुकानदार ने भी दे दिया एक जोरदार मुक्का आँख के नीचे,शर्मा जी को तारे नजर आ गए दिन में भी(😃😃😃😃😃).........
और एक बात भी समझ में आ गयी........मारपीट सामने वाले को देख कर करनी चाहिए............😉😉😉😉😉

©Saurabh Verma #myshortstory