2122 2122 2122 212 जब तलक जिंदा रहा बस उलझनें आतीं रहीं, काम करने में सदा ही अड़चनें आती रहीं। ये हमारा वो पराया सोचकर जीता रहा, जब समझ आया नियम तब धड़कनें जाती रहीं। ©Pradeep Sharma #pradeepsharma_ujjwalkavi