Nojoto: Largest Storytelling Platform

৪4 लाख जन्म जलजा नवलक्षाणि स्थावरा लक्षविशति कृमया

৪4 लाख जन्म
जलजा नवलक्षाणि स्थावरा लक्षविशति
कृमयां रूद्धसंख्यकाः पक्षिणां दशलक्षकम्।
त्रिशलक्षाणि पशवः चतुलक्षाणि मानवाः।।
अर्थात्-
(श्रीविष्णु पुराण)
जलजा नवलक्षणि 9 लाख बार जल में रहने वाले (जलचर) का जन्म
स्थावरा लक्षाविशति - 20 लाख बार पेड़, पौधे व पहाड़ के रूप में जन्म
कृमया रूद्सख्यकाः - 11 लाख बार कीड-मकोड़ो के रूप में जन्म
पक्षिणां दशलक्षकम - 10 लाख बार पक्षियों के रूप में जन्म
तिशलक्षाणि पशवः - 30 लाख बार पशुओं के रूप में जन्म
चतुलक्षणि मानवा: - 4 लाख बार मनुष्ों के रूप में जन्म

©KhaultiSyahi
  #FallAutumn #janam #Reincarnation #Rebirth 
#Karma #khaultisyahi #Life 
#Life_experience #think #praytoparmatma