कल एक शायर से मुलाकात हुई वेह बोला "क्यों उड नही जाती तुम इस खुले आसमां मैं। दिल से अवाज आई केसे उड़ू गालिब उस चिडिया के बिना, जो मेरा पंख लेकर तीन पंखो से उड गई, अब उसके लौटाने का इन्तज़ार तो लाज़्मी है"।। #नो