चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है , कुछ तो है अब भी बाकी जो आज फ़िर हमे उनकी याद आई है ..! ( अनुशीर्षक में ...) DQ : चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है , तेरे ख़्वाब मेरे जेहेन पे दस्तक यूँ लाई है होठों से जो छुओ तुम आँखों में क्या शाम आई है ..,