रोटी के खातिर वो अपनो से दूर होना जानता है कहता कुछ नहीं बस कमाना जानता हैं यही ऐसा शक्स हैं जो बोल कर नहीं आवश्यकता को पूरा कर प्यार जताना जानता है और अब कंधे हो चले हैं बूढ़े फिर भी वो घर का बोझ उठाकर जिम्मेदारियां पूरी करना जानता है बोली का मोहताज नहीं उसका प्यार वह तो बस बच्चों की खुशी में खुश हो ना जानता है -शशि परेवा @shayrana_arziyaan #बोली #मोहताज #प्यार #घर #आवश्यक #alone