प्रकृति के नायाब नज़ारों का, अथाह भंडार है समंदर, दुर्लभ जड़ी बूटी और रत्नों का, खज़ाना है इसके अंदर। कवकों, शैवालों, जलचरों का निवास स्थान है समंदर, हृदय में रखे अनेकों फूल, ज़िगर में रखता हो बवंडर। अनेकों जलीय पुष्पों पादपों को, अपने गर्भ में छिपाये, रंग बिरंगे पाषाणों से सुसज्जित रमणीय स्थल कहलाये। रहे शांत चित्त, उठे ज्वार जब भी, मन विह्वल हो जाये, राह जो रोके पारावार का, उसे अपनी औकात बताये, सम रूल्स ** यह प्रतियोगिता दो है । ** कोलैब ऑक्शन कृपया ऑफ करें आप लोग कोलैब करने के बाद । ** समय - दोपहर के 02 : 00 बजे तक कोलैब कर सकते हैं ।