کل طرحی مصرع پر آپ سبھی نے بہت اچھی کاوشیں پیش کیں۔ آج پھر اسی بحر میں ایک اور مصرعے پر غزل لکھیں۔ "زخم پھر اس کو دکھانا پڑ گیا" پڑ گیا ردیف زمانہ دکھانا ۔ سنانا، پرانا، لگانا، اٹھانا، سجانا، زمانہ وغیرہ۔ شکریہ۔ आप सभी ने कल के तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़लें पेश कीं। आज फिर उसी बह्र पर एक और मिसरा दिया जा रहा है। कमेंट बॉक्स में अपने सवाल रखें। एक दूसरे से बात करें। ज़ख़्म फिर उस को दिखाना पड़ गया' 2122...2122...212 रदीफ़ पड़ गया, क़ाफ़िया - दिखाना