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White कभी कभी कोई याद कोई बहुत पुरानी याद दिल के द

White कभी कभी कोई याद
कोई बहुत पुरानी याद
दिल के दरवाज़े पर
ऐसे दस्तक देती है
शाम को जैसे तारा निकले
सुब्ह को जैसे फूल
जैसे धीरे धीरे ज़मीं पर
रौशनियों का नुज़ूल
जैसे रूह की प्यास बुझाने
उतरे कोई रसूल
जैसे रोते रोते अचानक
हँस दे कोई मलूल
कभी कभी कोई याद कोई बहुत पुरानी याद
दिल के दरवाज़े पर ऐसे दस्तक देती है

©Jashvant
  #याद  PФФJД ЦDΞSHI  Mukesh Poonia  Ek Alfaaz Shayri  Rakesh Srivastava  Lalit Saxena