तू डर मत किसीसे नही कहूंगा तेरा जिक्र खुद से तो क्या कोई और पूछेगा तो भी चुप ही रहूंगा।। वो उस बारिश में किये तेरे वादे के बारे में और उस शाम तेरे आधे रहे किस्से के बारे में तू डर मत किसी से नहीं कहूंगा तेरे वो राज जो तुने शायद सिर्फ मुझे बताये है और वो हक़ जो तुने शायद सिर्फ मुझपे जताए है तू डर मत किसी से नहीं कहूंगा उस रात लाईट चले जाने पर तेरे डरने वाली कहानी और उस सुर्ख मौसम में तेरी वो रवानी तू डर मत किसी से नहीं कहूंगा वो देर रात बात करते करते तेरा सो जाना और दो लफ्ज किसी से भी प्यार के सुन उसीका हो जाना तू डर मत किसीसे नही कहूंगा तेरा जिक्र खुद से तो क्या कोई और पूछेगा तो भी चुप ही रहूंगा।। SANTY_SHARMA तेरा जिक्र ना होगा अब इस जुबां से