चोट लगने पर कभी रोना नही असफल होंने पर कभी हारना नही गिर कर कभी गिरना नही लाख अन्धेरे छा जायें जिन्दगी मे पर हौंसले का दिपक बुझने देना नही। -Writer Surya दिपक