संघर्ष कर! जिंदगी से हार मत मान! पता भी है अंजाम क्या होगा?, क्या गुजरेगी उस माँ पर? जिसका तू आँखों का तारा है। क्या गुजरेगी उस बाप पर? जिसका तू जीने का सहारा है। क्या गुजरेगी उस बहन पर? जिसका तू राजा भैया है। क्या गुजरेगी उस भाई पर? जिसका तू राम है। क्या गुजरेगी उस लैला पर? जिसका तू मजनूं हैं। क्या गुजरेगी उस दोस्त पर? जिसका तू लंगोटिया यार है। अगर तू एक सच्चा बेटा है,भाई है,दोस्त है,प्रेमी है तो गाँठ बाँध लेना अभी। करना ना ऐसी खता कभी ना, बुज़दिल हारा करते हैं जंगों को, तू तो शूरवीर है इसलिए, मत हार! मत हार! मत हार! संघर्ष कर! संघर्ष कर! संघर्ष कर! रचनाकार-दिलखुश मीना #मोटिवशनल