प्रेम-डोर थी डोर एक प्रेम की, हम दोनों को जोड़े हुए था एक छोर तुम्हारे हाथों में और दूसरा मेरे। डोर छूट गई तुमसे शायद, क्यूं मुझे लगता है लेकिन... हाथों को देखता हूं तो पाता हूं डोर वहीं पर 10 साल होने को आये, अबतो कुछ पता कर मोड़ पर खड़े खड़े, कहीं मैं रास्ता तो नहीं हो गया! #rampujari #love #memories #way #deepwound #shayari