करवटे बदलते रहती हूँ रातो में बीते जो पल है ना, अब मुझे सोने नही देते मलाल बस इतना सा है की काश! तुम मुझे खुद से जुदा होने नही देते मैंने देखा था हमारी परछाई साथ में, वहम ही था शायद... क्योंकि तुम्हारी मौजूदगी होती तो मुझे रोने नही देते मैंने अनदेखा किया जमाने को जब थामा था हाथ तेरा थोड़ी सी जेहमत तुम भी उठा लेते कि अंजानो की भीड़ में मुझे यूँ खोने नही देते.. #गुजरा_वक़्त