#IndiaFightsCorona यूँ तो काफिलों की भीड़ है हर जगह पर, लेकिन हुआ जो संक्रमण खुद को अकेला ही तू पायेगा न देख सकेगा मात-पिता को, न भाई बहन को घिर जायेगा चार दीवारी में फिर बाद में पछतायेगा । ये वक्त है साहब , इक दिन ये भी गुजर जायेगा जब अच्छा गुजर गया, तो बुरा कहाँ रह जायेगा ? 😊👀🤞 ©चंचल Mahaur स्वर' यूँ तो काफिलों की भीड़ है हर जगह पर, लेकिन हुआ जो संक्रमण खुद को अकेला ही तू पायेगा न देख सकेगा मात-पिता को, न भाई बहन को घिर जायेगा चार दीवारी में फिर बाद में पछतायेगा । ये वक्त है साहब , इक दिन ये भी गुजर जायेगा जब अच्छा गुजर गया, तो बुरा कहाँ रह जायेगा ?