कलयुग के पथ पर जब वे खड़ा होगा, आदमी से आदमी का मय बड़ा होगा, कलयुग का आगाज वहा से हुआ होगा, जब धर्मराज ने राज प्रक्षित को सौंपा होगा, विस्मृत वे यादे जो कि सतयुग की सखी थी, दरिद्रता कि ओढ़ मे वे खड़ा होगा, कलयुग के पथ पर जब वे खड़ा होगा, आदमी से आदमी का सेम बड़ा होगा । कलयुग