गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में | हर बार एक नया अरमान,जाग रहा है इस मन में | सोचता हूं फिर उस अरमान को,कैसे पूरा होगा सवाल इस मन को | रखता बगल में सवालों को,अरमान सामने रख प्राथमिकता प्रयत्नों को | प्रयत्न असफल होते है कई बार,फिर दिल से उदास होता हूं | बाद में फिर उदासी की छाया हटाकर,नए प्रयत्न में जुड़ जाता हूं | मानता हूं के आएगा एक दिन ऐसा,सफलता का परचम लहराएगा | कोशिशें की मैंने जितनी उस हर कोशिश का रंग सुनहरा रहेगा | चरण २ #restzone #rzकाव्यसंयोजन #rzकाव्यशाला #yqdidi #मेरीक़लमसे #yqhindi गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में | हर बार एक नया अरमान,जाग रहा है इस मन में | सोचता हूं फिर उस अरमान को,कैसे पूरा होगा सवाल इस मन को | रखता बगल में सवालों को,अरमान सामने रख प्राथमिकता प्रयत्नों को | प्रयत्न असफल होते है कई बार,फिर दिल से उदास होता हूं | बाद में फिर उदासी की छाया हटाकर,नए प्रयत्न में जुड़ जाता हूं |