किसी कि महफ़िल में लूटे हम भी हैं किसी कि कहानी में झूटे हम भी हैं, ये ना सोचो कि सिर्फ़ बर्बाद तुम्हीं हो इस हादसे से तो न छूटे हम भी हैं, मुस्कुरा रहे हैं तो दिख रहें खुश सभी को वरना अंदर से टुकड़े टुकड़े टूटे हम भी हैं, आज तक चुप थे उनके डर से मगर आज मगर खुल कर फूटे हम भी हैं, भले ही कद्र ना हो आज उन्हें हमारी किसी के बंगले के गुल-बूटे हम भी हैं, हमें शिकायतें सिर्फ़ उन से ही नही हैं रूठी रूठी ज़िंदगी से तो रूठे हम bhi hai ©बेजुबान शायर shivkumar किसी कि #महफ़िल में लूटे हम भी हैं किसी कि #कहानी में झूटे हम भी हैं, ये ना सोचो कि सिर्फ़ #बर्बाद तुम्हीं हो इस #हादसे से तो न छूटे हम भी हैं, #मुस्कुरा रहे हैं तो दिख रहें खुश सभी को वरना अंदर से टुकड़े टुकड़े टूटे हम भी हैं,