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White दर्द से कुछ मुझे हासिल नही है। और खुशियां म

White दर्द से  कुछ मुझे हासिल नही है।
और खुशियां मिरे काबिल नही है।।

मैंने जिसको दिया है दिल अपना। 
उसके सीने  में कोई दिल नहीं है।।

इब्तदा है कि तु भी मरता है।
इंतिहा है कि ये मुश्किल नहीं है।।

आइना देख के फिर मुझसे कहो । 
अक्स मेरा कहीं शामिल नहीं है ।।

इश्क में सुस्त हुआ चाहता है 
वक्त मेरा कोई काहिल नहीं है।।

शहर में माहिया जो गा रहा है
कोई शायर है जाहिल नहीं है।।

फिर किसी रोज गजल कह लेना ।
यार ये यार कि  महफिल नहीं है।।

क्या समझते हो फना होगा क्या 
नीर का दिल कोई बाबिल नहीं है।। 

निर्भय चौहान

©निर्भय चौहान
  #sad_shayari  Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Nazar Sukoon Ki Baat  Vishalkumar "Vishal"